Atmadharma magazine - Ank 265
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration). Entry point of HTML version.

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वीर सं. २४९२ कारतक: वर्ष २३: अंक १
आजना मंगल प्रभाते परम ईष्टरूप
आनंदरूप अभिनंदनीयरूप एवा सिद्धपदने तथा
तेना साधक सन्तजनोने परम आदरथी
भक्तिपूर्वक अभिनंदीए, आपणने ए सिद्धि पंथे
सुखपूर्वक दोरी जनारा पू. गुरुदेवने भावभीना
चित्ते अभिवंदीए, ने तेओश्रीनी मंगलछायामां
सौ साधर्मीओ हळीमळीने मुक्तिपुरीना वीर पंथे
जईए.... एवी उत्तम शुभेच्छाओ साथे
‘आत्मधर्म’ पोताना हजारो साधर्मी पाठकोने
अत्यंत वात्सल्यपूर्वक अभिनन्दन पाठवे छे.
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