Atmadharma magazine - Ank 043
(Year 4 - Vir Nirvana Samvat 2473, A.D. 1947)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARMA With the permisson of the Baroda Govt. Regd. No. B. 4787
order No. 30-24 date 31-10-44
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मनन किया उसका प्रत्यक्ष उदाहरण वहां दिख रहा है। सबसे पहेले सं० १९७८ में आपको समयसार हिन्दी
टीका प्राप्त हुई। समयसार के प्राप्त होने ही इस कुशल जौहरीने इसकी परख करली और हृदयमें अत्यंत
आनंदित हुए, और यह इच्छा हुई कि हे प्रभो! वह दिन कब आवे जब इस संसारके प्राणी सर्वज्ञ द्वारा कथित
इन अमूल्य सिद्धांतोंकी कदर करेंगे और अनादि कालकी दीनताको छोडेंगे। इस करुणा बुद्धिसे समयसार पर
आपके अपूर्व प्रवचन प्रारम्भ हुए और पहले तो काठियावाडके ही हजारों जीवोंको इसका लाभ प्राप्त हुआ।
स्वामीजी सं० १९९१ में चैत्र वदी ३ को सोनगढ पधारे थे और श्री १००८ भगवान महावीर स्वामीकी
जन्म जयन्ती चैत्र सुदी १३ को आपने मुंहपत्ती (स्थानकवासी साधु का चिन्ह जो पट्टी मुंहपर बांधे रहते हैं)
छोडी थी, व दिगम्बर जैनधर्मके पक्के श्रद्धानी बने थे। आज चैत्र वदी ३ को यहां सोनगढमें आपको पूरे १२
वर्ष व्यतीत हुए तबसे आप यहां ही रहेते हैं। आपके इस व्रतके पहले यहां दिगम्बर जैनधर्मके धारी कोई
नहीं थे। काठियावाडमें दि० जैन धर्म के सिद्धांतोंके प्रचारका पहला श्रेय आपको है।
सोनगढकी हवा शास्त्रमय है। सबेरे पूजन, फिर ८।। से ९।। शास्त्र–प्रवचन, फिर चर्चा, फिर ३।। से
४।। शास्त्र प्रवचन, फिर जिनमंदिर में ०।।। घंटा भक्ति फिर ८ से ९ तक पुरुषोंमें स्वामीजीके समक्ष शंका
समाधान, और उसी वख्त स्त्री सभा अलग होती है। यह कहनेमें अत्युक्ति न होनी चाहिये कि सिद्धांतमें वर्णित
निश्चयनयरूप सोनेकी परख इस जौहरीने की है और निश्चयनयका उपदेश उनके व्याख्यान में हो रहा है।
जैन मित्र में से साभार उद्धृत्त
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वैशाख सुद २ मंगळवारः– पूज्य सत्पुरुष श्री कानजी स्वामीनो जन्म दिवस
वैशाख सुद ३ बुधवारः– वर्तमान चोवीशीमां आहारदानना विधिनी शरूआत थई ते दिवस; आ दिवसे
श्री ऋषभदेव भगवानने एक वर्षने अंतरे श्रेयांसकुमारे शेरडीना रस वडे आहार दान कर्युं.
वैशाख सुद १० बुधवारः– श्री महावीर भगवानना केवळज्ञानकल्याणकनो दिवस.
वैशाख वद ६ रविवारः– सोनगढमां श्री समवसरण मंदिरमां भगवान श्री सीमंधर प्रभु तथा
श्री कुंदकुंदाचार्यदेवनी प्रतिष्ठानो
पांचमो वार्षिक महोत्सव.
वैशाख वद ८
मंगळवारः– श्री जैन स्वाध्याय
मंदिर–सोनगढना उद्घाटननो
नवमो वार्षिक महोत्सव तथा श्री
जैन स्वाध्याय मंदिरमां परमागम
श्री समयप्राभृतनी महापूजनिक
प्रतिष्ठानो नवमो वार्षिक
महोत्सव
आजीवन ब्रह्मचर्य
चैत्र सुद ९ ता. ३०–३–४७ ने रविवारना दिवसे ढींचडा (जामनगर) ना रहीश भाईश्री रामजी रूपशी छेडा
(उ. व. ४२) तथा तेमना धर्मपत्नी गंगाबेन (उ. व. ३१) ए बंनेए पू. सद्गुरुदेवश्री समीपे आजीवन–ब्रह्मचर्य
अंगीकार कर्युं छे. भाईश्री रामजीभाई घणा संतोषी अने वैरागी छे. आ शुभकार्य माटे तेओने धन्यवाद घटे छे.
श्री जैनदर्शन शिक्षण वर्ग
ता. ४–प–१९४७ रविवार वैशाख सुद १४ थी एक मास सुधी जैनदर्शनना अभ्यास माटे एक शिक्षणवर्ग
खोलवामां आवशे. १४ वर्षनी उपरना उमेदवारोने दाखल करवामां आवशे. जेने आ वर्गमां दाखल थवा इच्छा होय
तेमणे नीचेना सरनामे लखवुं.
* श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट *
सोनगढ– काठियावाड
मुद्रकः चुनीलाल माणेकचंद रवाणी, शिष्ट साहित्य मुद्रणालय, दासकुंज, मोटा आंकडिया, काठियावाड
प्रकाशकः श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट सोनगढ वती जमनादास माणेकचंद रवाणी, मोटा आंकडिया ता. २१–४–४७