निश्चय व्यवहार, उपादान निमित्त, द्रव्य का स्वतन्त्र परिणमन आदि का सुन्दर विवेचन करते है और
श्रोताओं को जड़ कर्म एवं मोह, राग आदि से पृथक् नित्य, शुद्ध, चैतन्यस्वरूप आत्मा का स्वाभाविक
चित्र प्रस्तुत कर आत्मदर्शन की ओर प्रेरणा प्रदान करते है।
कृपाभाव बनायें रखेंगे। आपने इस छात्रावास के छात्रों को अपना स्वागत करने का जो अवसर दिया
हैं, उसके लिये हम अत्यन्त आभारी हैं। हम भगवान महावीर से आपके स्वास्थ्य तथा दीर्धायु की
कामना करते हैं।
सम्मेदशिखर की वन्दना करने के पवित्र संकल्प को लेकर आप सौराष्ट से ५०० धार्मिक बंधुओं के साथ
मार्ग में आनेवाले सिद्धक्षेत्रों की वन्दना करते हुए यहां पधारे हैं। दो दिन से हमें आप अपनी
लोककल्याणकारिणी अमृतमयी वाणी का रसास्वादन करा रहे हैं। आज इस मंगलवेला में मध्यप्रदेश के
आत्मज्ञानपिपासु नागरिकों के समक्ष आप के प्रति बहुमान प्रकट करते हुए हम अपने को गौरवान्वित
मानते हैं।
इस विनाशकारी अणु युग के भौतिक वातावरण के विरुद्ध आध्यात्मिकता का प्रसार कर आपने सहस्रों
दिग्भ्रांत मानवों का जीवन ही परिवर्तित कर दिया है! आपकी