पाम्या. परम आनंदमय ए सिद्धपद सर्व
जीवोने परम इष्ट छे, साधक संतोना
हृदयमां एनी स्तुति कोतरायेली छे, अने
आत्मार्थी जीवोवडे ते परम अभिनंदनीय
छे. आवुं सिद्धपद भगवान आजे ज
पावापुरी–धामथी पाम्या; तेनुं स्मरण करी
करीने भक्तजनो हर्षपूर्वक ए सिद्धपदनो
महोत्सव ऊजवे छे.
दीवडाथी दीपावली महोत्सव ऊजव्यो.
भगवान महावीरना मार्गने पामीने, ज्ञानी
गुरुओनां आशीर्वादथी आपणे पण
पोताना आत्मामां रत्नत्रयनी आराधना
करीए, अने ए रीते रत्नत्रयरूपी दीपकनी
ज्योतथी दीपावली महोत्सव ऊजवीए..