Atmadharma magazine - Ank 194
(Year 17 - Vir Nirvana Samvat 2486, A.D. 1960)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 3 of 19

background image
जामनगर शहेरमां दि जिनमंदिरना
शिलान्यासनुं मुहूर्त
परमपूज्य गुरुदेवना प्रतापे दिगंबर जैनधर्मनी
प्रभावना दिनोदिन वधती जाय छे...अने ठेरठेर दि. जिनमंदिरो
बंधाता जाय छे. सौराष्ट्रना मुख्य–मुख्य शहेरोमां दि.
जिनमंदिरो हता, एक जामनगर बाकी हतुं...त्यां पण हवे दि.
जिनमंदिरना पाया नंखाई गया छे. कारतक सुद आठमना
रोज शेठ भगवानजी कचराभाईना सुहस्ते जामनगरमां दि.
जिनमंदिरनुं शिलान्यास थयुं. जामनगरमां दि. जिनमंदिर
बांधवानी त्यांना मुमुक्षुओने घणा वखतथी भावना हती.
आफ्रिकाथी शेठ फूलचंद करमशीए रूा. ६प०००) तथा शेठ
भगवानजी कचराभाईए रूा. प०२प१) जिनमंदिर माटे
आपीने जामनगरना मुमुक्षुओनी भावनाने शीघ्र मूर्तस्वरूप
आप्युं छे. शिलान्यासविधि प्रसंगे सौराष्ट्रना अनेक मुमुक्षुओ
उपरांत स्थानिक भाईओए पण मोटी संख्यामां भाग लीधो
हतो. अने आ प्रसंगे रूा. ७०००) उपरांत फाळो थयो हतो.
आ उपरांत अगाउ जामनगरना मुमुक्षुओ तरफथी भरायेली
रकमो सहित जामनगरना दि. जिनमंदिर माटे कुल फंड रूा.
१,प२०००) उपर थयेल छे. जामनगरनुं मंदिर घणुं भव्य
थशे. शिलान्यास विधि बाद जिनेन्द्रदेवनी रथयात्रा शहेरमां
फरी हती. जामनगरना मुमुक्षुओए आ प्रसंग उत्साहथी
ऊजव्यो हतो. आ मंगल अवसर माटे त्यांना मुमुक्षुओने
अभिनंदन!
सोनगढमां चोवीस तीर्थंकर विधान
अढी वर्ष पहेलां पू. गुरुदेवनी संघसहित सम्मेदशिखर
तीर्थयात्रा बाद सोनगढमां सिद्धचक्रविधान पूजन उल्लासपूर्वक
करवामां आव्युं हतुं, ए ज रीते बाहुबलीस्वामी आदि
दक्षिणतीर्थोनीयात्रा बाद आ कारतक मासनी अष्टाह्निका दरमियान
२४ तीर्थंकरभगवंतोनुं मंडल करीने उल्लासपूर्वक पूजन करवामां
आव्युं हतुं. पूजनविधान पूर्ण थतां श्री सीमंधर जिनेन्द्रनो
भक्तिपूर्वक अभिषेक करवामां आव्यो हतो.
पू. गुरुदेव सुखशांतिमां बिराजे छे अने नियमसार तथा
समयसार उपर सवार–बपोरे सुंदर प्रवचनो चाले छे.