Atmadharma magazine - Ank 211
(Year 18 - Vir Nirvana Samvat 2487, A.D. 1961)
(Devanagari transliteration).

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: : आत्मधर्म : २११
आवो...आवो...सीमंधर देव..अम घेर आवो रे...
रूडा
भक्तवत्सल भगवंत, नाथ पधारो रे...
(चैत्र सुद १० श्री जिनेन्द्रधर्मवैभवस्तंभमां श्री सीमंधर भगवाननी प्रतिष्ठानो नवमो वार्षिक
महोत्सव उजवायो. भक्तो प्रसन्नताथी वंदन, पूजन अने भक्ति करे छे.)