वर्ष: १९ अंक: प) तंत्री : जगजीवन बाउचंद दोशी (फागण : २४८८
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मंगल प्रवचनोनी श्रुतधारा आजे–
प्रवचनो द्वारा गुरुदेव आत्मपिपासु
जीवोने आनंदमय अध्यात्मरसनुं
झीलीने तृप्त थाय छे. भारतना
हजारो जिज्ञासुओ जेनी राह जोई
गुरुदेवे वहेवडाववा शरू कर्या छे. आ
अंकमां आपेल पहेला प्रवचननी
मधुर प्रसादीथी जिज्ञासुओने जरूर
गुरुदेवने अतिशय भक्तिथी
नमस्कार करीए छीए. जय हो