Atmadharma magazine - Ank 221
(Year 19 - Vir Nirvana Samvat 2488, A.D. 1962)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARMA Regd. B. No. 5669
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माह वद १४ना मंगल प्रवचन पछी नीचेनुं सुमधुर
आनंदकारी गीत पू. बेनश्रीबेने गवडाव्युं हतुं–
आ.....ज सोनेरी महा मंगळ दिन ऊग्यो रे,
आवो रे सौ भक्तजनो मंगळ गीत गाईए रे.....
गुरुराज मुखेथी अमृत राज वर्ष्या रे........आवो रे सौ.
अम सेवकना प्रभु हृदय तलसता,
क््यारे छूटे गुरुवाणी भव हरनारी रे........आज सोनेरी ० सौ.
मधुरा सूर गुरुवाणीना वागे,
ज्ञान गंगाना पाने पावन थईए रे........आवो रे सौ ०
गुरुराज वाणीमां चैतन्य झळके रे,
अंतरथी सुणतां भवनी भावट भांगे रे........आवो रे सौ.
दिव्यता भरी गुरुराजनी मुद्रा,
गुरुराज दर्शने अम आतम जागे रे........आवो रे सौ ०
भारत खंडमां गुरु अजोड संत पाकया,
वाणी केरी बंसरीथी हिंद आखुं डोल्युं रे........ आज सोनेरी०.
श्रुत समुद्र आजे गुरुदेवे खोल्या,
स्वतंत्र स्वरूपना सूक्ष्म न्यायो समजाव्या रे........आवो रे सौ०
ज्ञायक देवना मीठा मंत्र सुणावी,
जड चैतन्यना भेद बताव्या रे........आवो रे सौ०
गुरुराज देव तारी सुर करे सेवा,
शी शी करुं तारा गण केरी महिमा रे........आज सोनेरी०.
गुरुदेवना सूक्ष्म भावो नित प्रति वरसो,
हैडामां वसजो....मारा अंतरमां ऊतरजो रे........आवो रे सौ०
नभ मंडळमांथी पुष्पोनी वर्षा,
गुरुवाणीथी आजे आनंद मंगळ वर्ते रे.....
आजे घर घर महाआनंद मंगळ गाजे रे........आवो रे सौ०
वाणी सुणी मारुं अंतर ऊछळे,
निश दिन होजो तुज चरणनी सेवा रे........आवो रे सौ०
जैन विद्यार्थी गृह: सोनगढमां दसेक वर्षथी चाले छे. तेमां दस वर्षथी वधु उंमरना, गुजराती पांचमा
धोरणथी मेट्रीक सुधीना विद्यार्थीओने दाखल करवामां आवे छे. विद्यार्थीओने धार्मिक अभ्यास तेमज पू.
गुरुदेवना प्रवचनोनो पण लाभ मळे छे. कोईपण फिरकाना जैन विद्यार्थीओने दाखल करवामां आवे छे.
मासीक फी पूरी रूा. ३०/– तथा ओछी फी रूा. २०/– लेवामां आवे छे. प्रवेश फोर्म नीचेना सरनामेथी
मंगावीने ता. १पमी मे सुधीमां भरीने मोकली देवा:
मंत्री, श्री जैन विद्यार्थी गृह, सोनगढ (सौराष्ट्र)
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दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट वती मुद्रक प्रकाशक: हरिलाल देवचंद शेठ, आनंद प्रिन्टींग प्रेस–भावनगर.