Atmadharma magazine - Ank 228a
(Year 19 - Vir Nirvana Samvat 2488, A.D. 1962)
(Devanagari transliteration).

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शेठ वछराजजी तथा शेठाणी मनफुलाबेन सहित ब्रह्मचारी बेनो
जमणी बाजुए त्रण ब्रह्मचारी बेनो बेठी छे. डाबी बाजुए त्रण ब्रह्मचारी बेनो बेठी छे. वचमां
नानी बाळा छे, ते श्री केसरीमलजीनी दीकरी छे.
त्यार पछीनी पंक्तिमां जमणी बाजु (१) शेठ वछराजजी गंगवाल लाडनुवाला, (२) शेठाणी
मनफुला बेन, (३) पूज्य भगवती बेन शांताबेन, (४) पूज्य भगवती बेन श्री चंपाबेन, (प) शेठ
केसरीमलजीनां धर्मपत्नी बेन धापुबेन, (६) शेठ केसरीमलजी, जोधपुरवाळा, जे शेठ वछराजजीना मित्र छे.
पाछळ चौद ब्रह्मचारी बेनो ऊभी छे.
शेठ वछराजजी तथा शेठाणी मनफुलाबेन पांच वरस पहेलां, प्रथम सोनगढ आवेलां, त्यारे मात्र
चार दिवस पूज्य गुरुदेवनो उपदेश सांभळीने प्रभावित थया. अने त्यार पछी श्री गोगीदेवी श्राविका
ब्रह्मचर्य आश्रम बंधाववामां आव्यो ने तेनुं उद्घाटन संवत २००८ मां कर्युं हतुं.
शेठ वछराजजीने धर्मप्रेम छे, आश्रमनी बेनो तरफ लागणी छे. तेओ दश लक्षणी पर्वमां सोनगढ
आवेल छे. पूज्य गुरुदेवने सम्मेदशिखरजी वगेरे तीर्थधामनी यात्रा करवा खास विनंती करी रह्या छे, अने
पोतानां गाम कलकत्ता तथा लाडनु पधारवा खास विनंती करे छे. आखा हिन्दुस्तानमां बधाने पूज्य
गुरुदेवनी वाणीनो लाभ मळे–एम ईच्छे छे.
शेठ वछराजजी तथा तेमनां धर्मपत्नी मनफुलाबेन पूज्य गुरुदेवना समागम अर्थे सोनगढ
अवारनवार आवे छे.