Atmadharma magazine - Ank 238
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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वर्ष २०: अंक १०मो) तंत्री: जगजीवनदास बावचंद दोशी (श्रावण: २४८९
मुनिराज मळे तो...!
एक वखत (वीर सं. २४८४ना
कारतक वद त्रीजे चैतन्यना अतीन्द्रिय
आनंदनी अद्भुत वात नीकळतां खूबज
प्रमोद अने भक्तिपूर्वक गदगदवाणीथी
गुरुदेवे कह्युं के: आहा! जो भावलिंगी
संतमुनि मळे ने चैतन्यना अतीन्द्रिय
ज्ञान–आनंदनी आवी अध्यात्म वात
संभळावता होय तो एनां चरण पासे
बेसीने,... अरे! एनां पगनां तळीयां
चाटीने बहुमानथी आ वात सांभळीए.