(राजकोट–महोत्सवनो सचित्र अहेवाल आ अंकमां रजु थाय छे.)
“ज्ञातार विश्वतत्त्वानां वन्दे तद्गुणलब्धये”
जेठ : २४९१ JUNE 1965 वर्ष : २२ अंक : ८ वार्षिक लवाजम रूा. ४–००
पू. गुरुदेव राजकोट मंदिरमां अतिशय भक्तिपूर्वक
सीमंधरनाथना दर्शन करी रह्या छे (चैत्र सुद १३).
तंत्री : जगजीवन बावचंद दोशी
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