Atmadharma magazine - Ank 271
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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“गुरुदेवनो जय हो”
गुरु मळ्‌या छे भवतारणहारा,
रूडो आतम ए देखाडनारा;
देव सर्वज्ञ अम जैनोना,
वहाला लागे छे राग विनाना.
नोबत वागे जन्म दिवसनी.
जन्म टळे छे समकित भावथी;
यम जेवुं अज्ञान दूर भागे छे.
हो....कान गुरु तारो जय वर्ते छे.
–प्रकाश जे. जैन.–मोरबी
(बालविभाग सभ्य नंबर १३९)
आ गीत मोकलनार बंधु बालविभागना
सभ्यो पासे मांगे छे आ काव्यनी दरेक लाईननो
पहेलो अक्षर भेगो करीने आपो.
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