Atmadharma magazine - Ank 278
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

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: मागशर : २४९३ आत्मधर्म : ३१ :
–करना जो चाहो करलो
(भजनसंग्रहमांथी...गझल)
मरना जरूर होगा, करना जो चाहो करलो;
फल उसका पाना होगा, करना जो चाहो करलो.
पाया मनुष्य जनम है, जिसका न मोल कम है;
जब तक कि मन में दम है, करना जो चाहो करलो.
जीने के साथ मरना, जीवन का फल बुढापा;
धन भी थिर न रहेगा, करना जो चाहो करलो.
बोओगे बीज जैसा, फल प्राप्त होगा वैसा;
नहीं नीम आम होगा, करना जो चाहो करलो.
रोवोगे वा हंसोगे, शीशे को देख कर तुम;
प्रतिबिम्ब वैसा होगा, करना जो चाहो करलो.
करलो भलाई भाई, करते हो कयों बुराई;
दिन चार जीना होगा, करना जो चाहो करलो.
कर कर के छल कपट जो, लाखों रूपये कमाये;
सब छोड जाना होगा, करना जो चाहो करलो.
अपने मजे की खातिर, पर के गले न काटो;
दुःख तुमको पाना होगा, करना जो चाहो करलो.
उपकार को न भूलो, जो चाहते भलाई;
ये ही साथ होगा, करना जो चाहो करलो.
शुभ काम करके मरना, समजो ईसी को जीना;
जीना न और होगा, करना जो चाहो करलो.
जो आज धर्म करना, छोडो न उसको कल पर;
साथी धरम ही होगा, करना जो चाहो करलो.
हो सक्ता मोल सबका, पर मोल ना समय का;
‘बालक’ ये कहना होगा, करना जो चाहो करलो.
वैराग्य समाचार
* रसनाळावाळा वृजलाल माणेकचंद शेठ
घाटकोपर मुकामे ता. १०–१०–६६ ना रोज
स्वर्गवास पाम्या छे.
* बोटादनिवासी नंदलाल जगजीवनदास
तुरखीआना धर्मपत्नी जसवंतीबेन ता.
१७–११–६६ ना रोज घाटकोपर मुकामे
स्वर्गवास पाम्या छे.
* अमदावादमां भाईश्री कचराभाई
माणेकचंद शहेरी (डायाभाई घडियाळीना
पिताजी) कारतक सुद ४ ना रोज एकाएक
हार्टफेईलथी स्वर्गवास पामी गया.
* नवागाम (जामनगर) ना भाईश्री
लखमण धारा आसो वद बीजना रोज
आफ्रिकामां केन्या–फोर्टहोलखाते स्वर्गवास
पाम्या.
* सोनगढमां भाईश्री मोहनलाल त्रीकमजी
देसाई लकवानी बिमारीथी कारतक सुद १३
नी मधराते स्वर्गवास पामी गया छे.
* राणपुरवाळा मोनजी वीरजी भगत कारतक
मासमां सोलापुर मुकामे स्वर्गवास पाम्या छे.
* पालणपुरवाळा भाईश्री मणिलाल वेलचंद
झवेरी ता. ७–१२–६६ ना रोज मुंबई
मुकामे स्वर्गवास पामी गया.
जगतमां हंमेश बनती आ अनित्यता
एम कहे छे के काळचक्रनी झडप करतां वधारे
झडपथी तुं आत्महितने साधी ले. स्वर्गस्थ
आत्माओ सत्संगना प्रतापे आत्महितने पामो.