Atmadharma magazine - Ank 282
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARMA Regd. No. G. 182
राजकोटमां–
जैन विद्यार्थीओ माटे धार्मिक शिक्षण वर्ग
उनाळानी रजाओ दरम्यान जैन विद्यार्थीओ माटे दर वर्षे सोनगढमां
धार्मिक शिक्षण वर्ग चाले छे. जेमां सेंकडो विद्यार्थीओ धार्मिक संस्कारनो लाभ ले
छे. आ वखते वैशाख सुद ३ ना रोज पू. गुरुदेव श्री कानजी स्वामी राजकोट
पधारवाना होवाथी आ शिक्षण वर्ग पण त्यां ज पू. गुरुदेव श्री कानजी स्वामीनी
छत्रछायामां चालशे. आवो धार्मिक शिक्षण वर्ग राजकोटमां चालवानो आ प्रथम
ज प्रसंग होवाथी श्री राजकोट दिगंबर जैन संघने घणो उत्साह छे.
शिक्षण वर्ग ता. १२–प–६७ ने शुक्रवार वैशाख सुद त्रीजथी शरू थशे अने
ता. ३१–प–६७ ने बुधवार वैशाख वद ८ सुधी २० दिवस चालशे. तो राजकोटना
आंगणे आ धार्मिक शिक्षण वर्गमां भाग लेवा माटे जैन विद्यार्थी भाईओने
आमंत्रण छे. आ शिक्षण वर्गमां भाग लेवा आवनार बहार गामना विद्यार्थीओ
माटे रहेवा अने जमवानी सगवड श्रीसंघ तरफथी करवामां आवशे. तेओए
पोताना आववाना खबर अगाउथी श्रीसंघने नीचेना सरनामे जणाववा कृपा
करवी.
बहार गामना विद्यार्थीओने खास अगत्यनी सुचना छे के पोतानुं बिछानुं
अने लोटो वगेरे साथे लाववा.
राजकोट शहेरना जैन विद्यार्थी भाईओ के जे आ शिक्षण वर्गमां भाग
लेवा ईच्छता होय तेओने विनंती छे के तेओ श्रीसंघनी ओफिसे आवी वेलासर
पोताना फोर्म भरी जाय.
ठेकाणुं:– लि.
पंचनाथ प्लोट, शेरी नं. प श्री दिगम्बर जैन संघ,
राजकोट. राजकोट
श्री दिगंबर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट वती प्रकाशक अने
मुद्रक: मगनलाल जैन, अजित मुद्रणालय: सोनगढ (सौराष्ट्र)