१९१३ महेशकुमार कोदरलाल जैन बहीयल १९२१ दीपककुमार मफतलाल जैन दहेगाम
१९१४ अंजनाबेन बाबुलाल जैन वदराड १९२२ रजनीकान्त केशवलाल जैन जसदण
१९१प महेन्द्रकुमार अनोपचंद जैन मुंबई–७२ १९२३ सुरेशकुमार खीमजीभाई जैन मुंबई–८०
१९१६ जयंतिलाल चंदुलाल जैन तलोद १९२४ उपेन्द्रकुमार मनसुखलाल जैन अमदावाद
१९१७ बाबुलाल चंदुलाल जैन तलोद १९२प वीरेन्द्रकुमार मनसुखलाल जैन अमदावाद
१९१८ शैलेशकुमार चंदुलाल जैन तलोद १९२६ राजेन्द्रकुमार मनसुखलाल जैन अमदावाद
१९१९ नवनीतकुमार चंदुलाल जैन तलोद १९२७ शैलेशकुमार मनसुखलाल जैन अमदावाद
१९२० सुरेशकुमार मफतलाल जैन दहेगाम १९२८ महेन्द्रकुमार बाबुलाल जैन प्रांतिज
पांचमी वस्तु पूरी करो
नीचेनी पांच–पांच वस्तुमांथी अहीं चारनां नाम लख्या छे, एक नाम बाकी राख्युं छे, ते तमारे
शोधी काढवानुं छे–(जवाब लखीने मोकलवाना नथी, आवता अंकमां प्रगट थशे तेनी साथे मेळवी लेजो.)
(पांच सिद्धक्षेत्र) पावापुरी, गीरनार,........चंपापुरी, सम्मेदशिखर,
(पांच गति) स्वर्ग, नरक, मनुष्य, तिर्यंच, ........
(पांच भाव) औपशमिक, ........ , क्षायोपशमिक, औदयिक, पारिणामिक
(पांच परमेष्ठी) आचार्य, सिद्ध, साधु, उपाध्याय, ........
(पांच तीर्थंकर बालब्रह्मचारी) वासुपूज्य, महावीर, मल्लिनाथ, नेमिनाथ,.........
(पांच लब्धि) क्षयोपशम, विशुद्धि, ........ प्रायोग्य, करणलब्धि
(पांच ज्ञान) मनःपर्ययज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान, मतिज्ञान, ........
(पांच कल्याणक) मोक्षकल्याणक, दीक्षाकल्याणक, जन्मकल्याणक, गर्भकल्याणक,........
हा के ना?
[नीचेना जवाब मात्र ‘हा’ अथवा ‘ना’ एम
एक अक्षरमां लखवा; साथे प्रश्न लखवानी जरूर
नथी, मात्र नंबर लखवो.)
१. जीव अने शरीर बंनेनां लक्षण अत्यारे जुदा छे?
२. आ काळे आपणे निर्विकल्प आत्मअनुभव
करी शकीए?
३. मिथ्याद्रष्टि जीव स्वर्गमां जई शके?
४. कोई मनुष्यनुं आयुष्य देव करतां पण
असंख्यगणुं होय?
प. जगतमां एकसाथे बे तीर्थंकरो जन्मे खरा?
६. आपणे जंबुद्वीपमां रहीए छीए ते
जंबुद्वीपमां अत्यारे कोई तीर्थंकर विचरे छे?
७. शुभरागनुं फळ पण संसार छे?
शोधी काढो––
‘जैनधर्म’ नी एक खास वस्तु के जे दरेक जीवने
वहाली छे, जेना वडे जगतमां जैनधर्मनी प्रसिद्धि
छे; एनुं त्रण अक्षरनुं नाम छे;
‘अरिहंतदेव’ पासे एनो पहेलो अक्षर छे.
‘हिंदुस्तान’ मां एनो बीजो अक्षर छे.
‘सामायिक’ मां एनो त्रीजो अक्षर छे. पापी
जीवो पासे ते होती नथी.
त्रण अक्षरनी वस्तुनो पहेलो अक्षर गुमावे ने
बाकीना बे अक्षरने सेवे ते जीव नरके जाय छे. तो
ए वस्तु कई?
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