Atmadharma magazine - Ank 292
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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: ४२ : आत्मधर्म : महा : र४९४
ATMADHARMA
Regd. No. G. 182
आ भाग्यशाळी
वाघनुं द्रश्य
क्यांनुं छे?
ओळखी काढो.
धन्य छे वाघ तने!
के तने आवा महा–
पुरुषनो स्पर्श थयो,
जो जो हो...आ कांई सरहदनुं द्रश्य नथी...तो क्यांनुं द्रश्य छे?
... याद आवे छे पंदरनी सालनी ए वात?