छे के ज्यारे भरतक्षेत्रना साधकभक्तोनी विनतिथी
विदेहक्षेत्रना वहाला सीमंधरनाथ सुवर्णपुरीमां
पधार्या...ने महा उपकार छे ए सन्तोनो–के
Atmadharma magazine - Ank 293
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).
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