Atmadharma magazine - Ank 294
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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३८ : आत्मधर्म : चैत्र २४९४
विद्यार्थीओ माटे अभ्यासनी सुंदर सगवड
श्री जैन विद्यार्थीगृह, सोनगढ (सौराष्ट्र)
उपरोक्त बोर्डिंगमां धोरण प थी ११ (एस.एस.सी) सुधी अभ्यास करता जैन
विद्यार्थीओने कोईपण फिरकाना भेदभाव वगर दाखल करवामां आवे छे.
मासिक भोजनना पूरी फीना रूा. ३०/– तथा ओछी फीना रूा. २०/– चार्ज लेवामां
आवे छे.
अहींनी गुरुकूळ हाईस्कूलमां धोरण प थी अंग्रेजी शीखववामां आवे छे. अहीं रहेता
विद्यार्थीओने श्री सनातन दिगंबर जैनधर्मना धार्मिक अभ्यास करवानो तथा आध्यात्मिक
संत परमोपकारी पूज्य श्री कानजीस्वामीना व्याख्यानश्रवणनो पण अलभ्य लाभ मळे छे.
विद्यार्थीओने रहेवा माटे गामनी बहार विशाळ हवा–उजासवाळुं सुंदर मकान छे.
दरेक विद्यार्थीने सूवा माटे पलंग आपवामां आवे छे.
संस्थामां दूध तथा खोराक सादो सात्त्विक चोकखो आपवामां आवे छे.
अहीं विद्यार्थीओने शारीरिक तथा मानसिक विकासनी सुंदर तक मळे छे.
दाखल थवा ईच्छनार विद्यार्थीओए ता.३०–४–६८ सुधीमां १प पैसानी टिकिटो बीडी
प्रवेशपत्रो अने नियमो मंगावी ते विगतवार भरी वार्षिक परीक्षाना परिणाम (प्रगतिपत्रक)
अगर हेडमास्तरनी सहीवाळुं मार्कशीट साथे ता.१प–प–६८ सुधीमां मोकली आपवा.
लि.–
मलुकचंद छोटालाल शाह
जैनदर्शन शिक्षणवर्ग
सोनगढमां दर वर्षनी माफक जैन विद्यार्थीभाईओ माटेनो धार्मिक शिक्षणवर्ग वैशाख
वद एकमने सोमवार ता.१३–प–६८ थी शरू थशे अने ता.१–६–६८ जेठ सुद पांचम सुधी
२० दिवस चालशे. जेमने शिक्षणवर्गमां दाखल थवा ईच्छा होय तेमणे (जैन स्वाध्याय मंदिर
ट्रस्ट, सोनगढ–सौराष्ट्र) ए सरनामे खबर आपवा. बीजा पुस्तको उपरांत द्रव्यसंग्रह
(गुजराती) पण वर्गमां चाले छे, तो जेमनी पासे द्रव्यसंग्रह होय तेओ ते जरूर लावशो–
केमके सोनगढमां द्रव्यसंग्रह पुस्तक बहु थोडा छे.
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