Atmadharma magazine - Ank 300
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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: ४० : आत्मधर्म : आसो : २४९८
सोनगढमां अद्भुत कारखानुं
जुदा जुदा गामना थोडाक मित्रो भेगा थया हता....ने पोतपोताना गामना
उद्योगनी चर्चा करता हता––
मोरबीना एक भाई कहे : अमारा गाममां तो घडियाळनी मोटी फेकटरी
(कारखानुं) छे.
मुंबईना मित्र कहे : अमारे तो स्टीलनी फेकटरी छे.
दिल्हीना मित्र कहे : अमारे प्लास्टिकनी फेकटरी छे.
जमशेदपुरना मित्र कहे : अमारे त्यां लोखंडनी मोटी फेकटरी छे.
वांकानेरना अने शिहोरना मित्रो कहे : अमारे तो माटीनी फेकटरी (पोटरी) छे.
त्यारे सोनगढवासी मित्र कहे : अमारा गाममां तो ए बधाय करतां जुदी ज
जातनी एक सुंदर फेकटरी छे!
बधा मित्रोए ईन्तेजारीथी पूछ्युं–शेनी फेकटरी छे?
त्यारे ते भाईए कह्युं के : अमारे त्यां तो आत्माने परमात्मा बनाववानी
फेकटरी छे. पामरपणामांथी परमात्मपणानुं उत्पादन केम थाय तेनो जोसदार उद्योग
सोनगढनी फेकटरीमां चाले छे.
बधा मित्रो कहे: वाह! उत्तम फेकटरी! चालो, आपणे ए फेकटरी जोवा जईए....
WELCOME