Atmadharma magazine - Ank 304
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: महा : २४९प आत्मधर्म : ३७ :
वैराग्य समाचार:–
गोंडलना भाईश्री खत्री वनमाळी करसनजी (भगत) ता. ३–१–६९ ना रोज
गोंडल मुकामे स्वर्गवास पाम्या छे. तेओ अवारनवार सोनगढ आवीने लाभ लेता हता.
माटुंगावाळा झोबालिया चुनीलाल कस्तुरचंदना सुपुत्र भोगीलाल ता. २८–१२–
६८ ना रोज पुना मुकामे स्वर्गवास पाम्या छे.
शांतिलाल कस्तुरचंद झोबालियाना सुपुत्र उगरचंद ता. १६–१–६९ ना रोज
मुंबई मुकामे स्वर्गवास पाम्या छे. तेमनी उमर आशरे ३६ वर्षनी हती अने
अवारनवार सोनगढ आवता.
सोनगढमां पोष वद ११ नी राते जामनगरवाळा कस्तुरबेन (वोरा अमृतलाल
देवकरणना धर्मपत्नी) एकाएक २४ कलाकनी बिमारीथी स्वर्गवास पामी गया. तेओ
घणां वर्षोथी सोनगढमां रहीने पू. गुरुदेवना सत्संगनो लाभ लेता हता. दसमनी रात
सुधी तेओ तत्त्वचर्चा करता हता. त्यारपछी एकाएक तेमने हेमरेज थई गयुं ने
थोडीवारमां तो बेशुद्ध थई गया. ११ नी सांजे गुरुदेव पधारेला त्यारे पण बेशुद्ध
हता...ने मोडी राते तेओ स्वर्गवास पामी गया.
राजकोटना भाईश्री मनुभाई एम. छाया ता. १–१२–६८ ना रोज स्वर्गवास
पाम्या छे.
पालेजना भाईश्री काळीदास गंभीरदास पोष वद १४ ना रोज स्वर्गवास
पाम्या छे.
स्वर्गस्थ आत्माओ देव–गुरु–धर्मना शरणे आत्महित पामो.
पुनरावर्तन (आ दश प्रश्नोना उत्तर अंक ३०३ मांथी मेळवी शकशो.)
(१) जगतमां सौथी श्रेष्ठ कोण?
(२) कोण तमारा साधर्मी? ने कोनां तमे मित्र?
(३) मोक्षनगरीना दरवाजानुं नाम शुं? ने आंधळाए शुं भूल करी?
(४) चार प्रकारनां सुख क्या? तेमां उत्तम सुख कयुं?
(प) मरण टाणे कोईने आनंद होई शके?
(६) आपणने मळेला त्रण रत्नोनुं जीवनी जेम जतन करीए,–ए रत्नो क्या?
(७) एक पानामां १३ महान दिगंबर सन्तोना नाम (मोटा अक्षरे) छापेला
छे, ते क्या?
(८) सौराष्ट्रमां त्रीजो मानस्तंभ तैयार थाय छे–ते क्यां?
(९) मध (मीठुं के कडवुं?) ते खवाय खरुं?
(१०) शत्रुंजय उपरथी त्रण महापुरुषो मोक्ष पाम्या–ते कोण?