वैशाखी बीजे–आत्मधर्मनुं अवलोकन
लाठी शहेरमां ७४ मी जन्मजयंति प्रसंगे गुरुदेवने अभिनंदनरूपे आत्मधर्मनो
खास अंक (ब्र. हरिलाल जैनद्वारा संपादित) पूज्य गुरुदेवने अर्पण करवामां आव्यो,
अने पू. गुरुदेव तेना चित्रोनुं भावपूर्वक अवलोकन करी रह्या छे तेनुं एक द्रश्य. पू.
गुरुदेव जे चित्रो निहाळी रह्या छे तेनी नीचे आ प्रमाणे नोंध छे के –
आ बाहुबली भगवाननी अचिंत्य प्रभावशाळी प्रशांत मुद्रा जगतने
आत्मसाधनानी महान प्रेरणा आपी रही छे. यात्रामां घणां तीर्थो जोया, तेमां आ
बाहुबली भगवाननी मुद्रा तो जाणे वर्तमान जीवंतमूर्ति होय! एवी छे. अहा! जाणे
वीतरागी चैतन्यरसनुं ढीम! एनी मुद्रामां पुण्य अने पवित्रता बंने देखाई आवे छे.
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