Atmadharma magazine - Ank 332
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).

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आत्मधर्म : जयपुर []
झवेरी बजार
ांथी पसार थई
रह
ेल स्
वाग
तय
ात्रा
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आ जैननग
री आजे जैनधर्मना जयजयकारथ

जी रही
छे... ज्
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सेंकडो जिनालयो छे... ने
लाखो जिनबिंबो
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नगरी
मां ग
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ेव जैनधर्मनुं
स्वरूप
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