Atmadharma magazine - Ank 335
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).

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: भाद्रपद : २४९७ आत्मधर्म : ३९ :
* ‘आत्मधर्म’ प्रत्ये भारतना हजारो जिज्ञासुओ अत्यंत आदरभावपूर्वक तेनो
अभ्यास करे छे, ने तेना द्वारा पू. गुरुदेवनी अपूर्व आत्महितकारी वाणी मेळवीने
प्रसन्न थाय छे, तेथी तेओ दरवर्षे भक्तिपूर्वक संस्थाना ज्ञानखातामां मोटी रकमो
आपीने पोतानो भक्तिभाव व्यक्त करेछे. ‘आत्मधर्म’ ए संस्थाना ज्ञानखातानुं
एक महत्त्वनुं अंग छे; तेमां जिज्ञासु पाठकोना महान सहकारने लीधे आपणे
आत्मधर्म मासिक चार रूपियाना लवाजममां आपी शकीए छीए. आ प्रकारे
आत्मधर्मनुं गौरव वधारवा माटे वांचकवर्गने धन्यवाद घटे छे. आत्मधर्मनो प्र्रचार
हजी पण खूब वधे एवा प्रयासनी जरूर छे.
* दादर (मुंबई) थी वासंतीबेन भायाणी लखे छे के–आत्मधर्म वांचतां खूब आनंद
थाय छे. तेना अंको ज्ञानथी छलोछल भरेला होय छे. तेमां गुरुदेवे बतावेलो
शेद्धोपयोग–धर्म क््यारे पामीए!–एम थाय छे. गुरुदेवे बतावेला मार्गने
अनुसरवानो अने फरीने जन्म न लेवानो निर्णय करीए छीए. सम्यग्दर्शनना आठ
अंगनी कथाओ वांचवी खुब ज गमे छे. रेखा, दीप्ति वगेरे नानी बालिकाओ पण
ते कथा सांभळीने तीर्थंकरना स्वरूपनो निर्णय करती हती. आत्मधर्म द्वारा
बाळकोमां घेरघेर धर्मसंस्कार पहोंची गया छे. एक ३३१ मां जैनधर्मने आबाद
करवा माटे बच्चांने ज्ञान आपवानी वात आवेल ते प्रत्यक्ष थाय छे. दरेक गामे
पाठशाळा द्वारा बाळकोमां धार्मिकज्ञानना संस्कार आपवा जरूरी छे. (आ साथे
आफ्रिकाना एक भाईनो पत्र मोकलुं छुं.)
* १७ वर्षनो अक युवान–जे आफ्रिकामां (नैरोबी) ज रहे छे ने हमणां पहेली ज वार
भारतमां त्रण मास माटे आवेल छे,–जीवनमां पहेलीवार गुरुदेवना दर्शन–वाणीनो
लाभ फक्त बेत्रण दिवस माटे लीधो, एनुं नाम ज्योतिन्द्र धनानी, तेओ लखे छे
के–“पूज्य गुरुदेवना व्याख्यानमां आत्मा सिवाय बीजुं कांई न मळे. जीवनी वात
सांभळीने आपणा पण दिलमां आनंद आवी जाय. पण ए तो अंदरथी प्रेम होय
तो ज आ वात गमे, अने आपणने भूली गयेला आत्माने शोधवानो विचार थाय.
आत्मधर्ममां एक जग्याए लख्युं छे के हे जीव! हवे तो तुं जाग! एना उपर अडधो
पानो लख्यो छे. अनादिकाळथी तुं रखडश, माटे हवे तो तुं तारी बाजु ध्यान कर.
परनुं तो तुं गमे तेटलुं करीश तो एनो फळ तने आनंदवारो नहीं आवे. पण जो तुं
कोण छो? ए शोधीने आगळ वधशुं तो आपणने खरूं सुख मळशे. बीजा उपदेशक
लौकिक, सांसारिक वात कहे