Atmadharma magazine - Ank 344
(Year 29 - Vir Nirvana Samvat 2498, A.D. 1972)
(Devanagari transliteration).

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वाह रे वाह! मातानां हेत! नाम राख्युं नेमिकुमार.
– पारणाझुलन –
शुद्धोसि..... बुद्धोसि..... निर्विकल्पोसि
तुं शुद्ध छो.... तुं बुद्व..... तुं निर्विकल्प उदासी....
चेतनराजा! झुलो रे चैतन्यपारणे....
नेमिकुंवर! झुलो रे चैतन्यपारणे....