अपूर्व आनंदकारी धर्मोत्सव उजवायो हशे! प्रभुना जे दिव्यध्वनिनो एक
नानकडो अंश पण आजे (अढीहजार ने एकत्रीस वर्ष पछी पण) आपणने
आवो महान आनंद अने शांति आपे छे ते प्रभुनी सर्वज्ञतानी ने तेमना
ईष्टउपदेशनी शी वात!! आ अषाड वद एकमे धर्मचक्रप्रवर्तननो ए
मंगलदिवस आवी रह्यो छे...सौ आनंदथी वीरप्रभुने याद करीने शांतरसनुं
पान करशुं.