आत्मज्ञ नाविक योग बिन वह नाव भी तारे नहीं
मम पुण्यराशि फली अहो ! गुरुक्हान नाविक आ मिले
बाह्यांतर विभवों तेरे, तारे नाव मुमुक्षुके
करुणा अकारण समुद्र ! तुझे नमूं मैं
इस दासके जीवनशिल्पि ! तुझे नमूं मैं
Benshreeke Vachanamrut (Hindi).
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