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मंद विकल्पमां शान्ति मनाई जाय छे, पण विकल्पमात्रमां तीव्र दुःख लागे तो अंदर मार्ग मळ्या विना रहे नहि. ४८.
आखा दिवसमां आत्मार्थने पोषण मळे तेवा परिणाम केटला छे ने बीजा परिणाम केटला छे ते तपासी पुरुषार्थ तरफ वळवुं. चिंतवन खास करवुं जोईए. कषायना वेगमां तणातां अटकवुं, गुणग्राही बनवुं. ४९.
तुं सत्नी ऊंडी जिज्ञासा कर जेथी तारो प्रयत्न बराबर चालशे; तारी मति सरळ अने सवळी थई आत्मामां परिणमी जशे. सत्ना संस्कार ऊंडा नाख्या हशे तो छेवटे बीजी गतिमां पण सत् प्रगटशे. माटे सत्ना ऊंडा संस्कार रेड. ५०.
आकाश-पाताळ भले एक थाय पण भाई! तारा ध्येयने तुं चूकीश नहि, तारा प्रयत्नने छोडीश नहि. आत्मार्थने पोषण मळे ते कार्य करवुं. जे ध्येये चड्यो ते पूर्ण करजे, जरूर सिद्धि थशे. ५१.