लट पिपील अलि आदि शरीर, धर धर मर्यो सही बहु पीर.
(त्रसतणी) त्रसनो (पर्याय) पर्याय (दुर्लभ) मुश्केलीथी (लही)
प्राप्त थाय छे. [त्यां पण] (लट) इयळ (पिपील) कीडी (अलि)
भमरो (आदि) वगेरेना (शरीर) शरीरो (धर धर) वारंवार
धारण करीने, (मर्यो) मरण पाम्यो [अने] (बहु पीर) घणी पीडा
(सही) सहन करी.
प्राप्त कर्यो छे. आ त्रस पर्यायमां पण इयळ वगेरे बे इन्द्रिय
जीव, कीडी वगेरे त्रण इन्द्रिय जीव अने भमरो वगेरे चार
इन्द्रिय जीवना शरीर धारण करी मर्यो अने घणां दुःखो सहन
कर्या. ५.