Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration). 32. AAJ DEKHYA SHASHVAT TIRTHARAJ.

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३२. आज देख्या शाश्वत तीर्थराजने रे
(रागः आज दिव्यध्वनि छूटी वीरमुखथी रे)
आज देख्या शाश्वत तीर्थराजने रे,
देखी देखी हैडुं हरखाय,...आज० १.
अहो! दर्शन थयां जिनधामनां रे,
अनादि-अनंत आ धाम,...आज० २.
तीर्थेशो साक्षात आ भूमिमां रे,
अहो! विचर्या अनंतानंत,...आज० ३.
प्रभु परमेश्वर परमातमा रे,
अहो! त्रण भुवनना नाथ,...आज० ४.
प्रभु ज्ञानमंदिरे बिराजता रे,
गुण अनंतमां रमनार,...आज० ५.
मुनिराजो अनंत निज ध्यानमां रे,
पाम्या अनंत पूर्णानंद,...आज० ६.
रजकण रजकण आ भूमिना रे,
पुनित चरणो थकी पवित्र,...आज० ७.
नंत चोवीसीनां सिद्धिधाम छे रे,
एनी महिमा तणो नहि पार,...आज० ८.
तीर्थेशो साक्षात् अहीं आविया रे,
सुर-नर-मुनि तणो नहि पार,...आज० ९.
एवां द्रश्यो पावन आ भूमिमां रे,
एनां स्मरणो अंतर उभराय,...आज० १०.
जिनभूमि जिनेश्वर भेटिया रे,
आज नजरे निहाळ्यां जिनधाम,...आज० ११.
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