Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration).

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चंपापुरी नगरी बहु बहु शोभे,
हां रे तिहां वासुपूज्यजी बिराजे,
हां रे पंचकल्याणक महोत्सव उजवाये,
हां रे सुर-नर-मुनिवरनां वृन्द उभराये,
हां रे धन्य मात ने तात,...वासुपूज्य० २.
बाळब्रह्मचारी वासुपूज्यस्वामी,
हां रे प्रभु तीर्थपतिपदधारी,
हां रे मुनिनाथना अंतरयामी,
हां रे त्रण-भुवन-शणगार,...वासुपूज्य०
हां रे अम आतम-आधार,...वासुपूज्य० ३.
चंपापुरी नगरी अति पावनकारी,
हां रे प्रभुनां पंचकल्याणक भारी,
हां रे गर्भ-जन्म-दीक्षा मंगळकारी,
हां रे ए तो पावन द्रश्य,...वासुपूज्य० ४.
केवळकल्याणके देवेन्द्रो अहीं ऊतरे,
हां रे प्रभुनां समवसरण रचाये,
हां रे प्रभुना दिव्यध्वनिनाद गाजे,
हां रे सौने आनंद उभराय,...वासुपूज्य० ५.
शैलेशीकरणे प्रभुजी अहो वळिया,
हां रे समश्रेणीए प्रभुजी चडिया,
हां रे प्रभुजी सिद्धिधामने वरिया,
हां रे (आजे) देख्यां तीरथधाम,....वासुपूज्य० ६.
जिनवरमहिमा त्रिजगमांही गाजे,
हां रे प्रभु गुणरत्नाकर बिराजे,
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