हिन्दुस्तानमां पावन पगलां गुरुदेवनां रे,
हिन्द जीवोनां जाग्यां सुलटां भाग्य,....आजे मंगल० ५.
भरतभूमिमां आनंद मंगल थाय छे रे,
आव्या आव्या भारत-तारणहार,...आजे दैवी० ६.
अनुपम मूर्ति गुरुजी मारा शोभता रे,
अनुपम कार्यो थाये जीवन मांही,...आजे मंगल० ७.
भारत (भूमिमां) आंगणे तोरणो बंधाय छे रे,
भव्य जीवोनां वृंदो ऊछळी जाय,...आजे दैवी० ८.
शाश्वत तीर्थ दर्शने गुरुजी संचरे रे,
हैडा मांही जिनेश्वरनो वास,...आजे मंगल० ९.
संतजनोनां सांनिध्य बहु दोह्यलां रे,
(मंगल गुरुवर-साथ बहु बहु दोह्यलो रे,)
महा भाग्ये मळियो गुरुजीनो साथ....आजे दैवी० १०.
तीरथयात्रा गुरुजी संगे थशे रे,
सेवकना जन्म सफळ थाय,...आजे मंगल० ११.
कुमकुमपगले गुरुजी पधारता रे,
आकाशे बहु देवदुंदुभिनाद,...आजे दैवी० १२.
भारतरत्न गुरुजी मारा जागिया रे,
पंचम काळे अध्यात्म-अवतार,...आजे मंगल० १३.
चैतन्यदेवना सत्यपंथ प्रकाशता रे,
गुरुवाणीमां आश्चर्य अपार,...आजे दैवी० १४.
वीतरागदेवनो मारग गुरुजी स्थापता रे,
जिनशासनमां वर्तो जयजयकार,...आजे मंगल०
गुरुदेवनो वर्तो जयजयकार,...आजे मंगल० १५.
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