Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration). PRAKASHAKIY NIVEDAN.

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साहित्यप्रकाशनसमिति
श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट
सोनगढ-
प्रकाशकीय निवेदन
परमोपकारी पूज्य गुरुदेवश्री कानजीस्वामीनो मुमुक्षु समाज उपर
अमाप उपकार सदाय प्रवर्ते छे. आ भावनाने मुमुक्षुओना अंतरमां जीवंत
राखवानो साचो यश तो प्रशममूर्ति भगवती माता पूज्य बहेनश्री
चंपाबेनने ज छे. भगवती मातानी पूज्य गुरुदेवश्री प्रत्येनी अत्यंत
भक्तिभीनी प्रेरणाथी सुवर्णपुरीमां पूज्य गुरुदेवश्रीनो जन्मजयंती
महोत्सव अविरतपणे उजववामां आवी रह्यो छे. आ महोत्सवमां पूज्य
गुरुदेवश्रीनां टेप प्रवचन पछी नियमित पूज्य गुरुदेवश्रीनी भक्ति
करवामां आवे तेवी पूज्य बहेनश्रीनी भावना हती. आ माटे तेओए
गुरुदेवश्रीनी भक्तिनां विविध स्तवनो स्वयं रची अने गवडाववानुं चालुं
कर्युं. आ भावभीना स्तवनोनी एक पुस्तिका छपाय तो ते कायम उपयोगी
थाय ते हेतुने ध्यानमां राखी श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ द्वारा आ ‘श्री गुरुस्तुतिआदिसंग्रह’नुं प्रकाशन श्री सं. २०४२मां
करवामां आव्युं. आ पुस्तकमां पूज्य बहेनश्रीए रचेली पूज्य गुरुदेवश्रीनी
भक्तिओ, पूज्य गुरुदेवश्री साथे करेल तीर्थयात्राओ समये तेओए रचेल
तीर्थनी भक्तिओ, सोनगढमां उजववामां आवता दिपावली, महावीर
शासन जयंती आदि पर्वोनां स्तवनो तथा केटलांक अन्य कविओए रचेलां
स्तवनो उमेरी आ पुस्तकने समृद्ध बनावामां आव्युं. आ पुस्तकनी
लोकप्रियताने लीधे अत्यार सुधीमां तेनी त्रण आवृत्तिओ बहार पाडवामां
आवी छे. ते तमाम पुस्तको खपी जवाथी तेनी आ चोथी आवृत्ति प्रकाशित
करवामां आवी रही छे. आशा छे के मुमुक्षु समाज आनाथी अत्यंत
लाभान्वित थशे.
श्रावण वद-२
पूज्य बहेनश्रीनो
९५मो जन्मोत्सव
ता. १८-८-२००८
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