Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भरतचक्री त्यां मुनिवरदर्शन संचर्या रे, मुनि
भक्तिभावथी बाहुबली-पद पूजिया,
बाहुबलीजी श्रेणीआरोहण आदर्यां रे, श्रेणी
केवळलक्ष्मी क्षणमां मुनिवर पामिया.
पूर्णचतुष्टय बाहुबलीजिन शोभता रे, बाहु
अनंत गुणआनंद मुनिवर पामिया.
अनंत ज्ञाने बाहुबलीजिन सोहता रे, बाहु
अनुपम शाश्वत पूर्णानंदने पामिया.
दैवी मुद्रा बाहुबलीनी दीपती रे, बाहु
चैतन्यदेवनी दिव्यता दर्शावती.
मुनिवरमुद्रा जिनमुद्रा सम जाणीए रे, जिन
अपूर्व शांति उपशमरस वरसी रह्या.
मुनिवरसेवा महाभाग्येथी पामीए रे, महा
भव्योने अहो! भवथी पार उतारती.
मुनिवरसेवा कल्पवृक्षचिंतामणि रे, कल्प
सेवकने अहो! मनवांछित फल आपती.
महाभाग्य अमगुरुजी यात्रा पधारिया रे, गुरुजी
गुरुजी साथे मुनिवरदर्शन पामिया.
गुरुजीप्रतापे आनंदरस वरसी रह्या रे,
देवगुरुजी नित्य रहो मनमंदिरे....देख्या. देख्या
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