Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration). PUJYA BAHENSHREE DWARA RACHEL PADO.

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द्रव्य सकळनी स्वतंत्रता जगमांही गजावनहारा,
वीरकथित स्वात्मानुभूतिनो पंथ प्रकाशनहारा;
गुरुजी! जन्म तमारो रे,
जगतने आनंद करनारो.
पावन-मधुर अद्भुत अहो! गुरुवदनथी अमृत झर्यां,
श्रवणो मळ्यां सद्भाग्यथी, नित्ये अहो! चिद्रसभर्या;
गुरुदेव तारणहारथी आत्मार्थी भवसागर तर्या,
गुणमूर्तिना गुणगण तणां स्मरणो हृदयमां रमी रह्यां.
स्वर्णपुरे धर्मायतनो सौ गुरुगुणकीर्तन गातां;
स्थळ-स्थळमां ‘भगवान आत्म’ना भणकारा संभळाता;
कण कण पुरुषारथ प्रेरे,
गुरुजी आतम अजवाळे.
[पूज्य बहेनश्री चंपाबहेन]
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