Moksha Marg Prakashak-Gujarati (Devanagari transliteration). Prakashkiy Nivedan.

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प्रकाशकीय
आ गुजराती मोक्षमार्गप्रकाशक ग्रंथनी चौदमी आवृत्ति खपी जवाथी, परमपूज्य
सद्गुरुदेव श्री कानजीस्वामीना पावन प्रतापथी, पूज्य गुरुदेवश्रीनी साधनाभूमि सुवर्णपुरी
(सोनगढ)मां स्वानुभवविभूषित प्रशममूर्ति पूज्य बहेनश्री चंपाबेननी पावन प्रेरणाथी जे अनेक
धार्मिक गतिविधिओ चाली रही छे ते पैकी पुस्तक-प्रकाशनरूप प्रवृत्तिमां उक्त ग्रंथनी मांगने लीधे
तेनुं पाछळनी आवृत्तिमां रही गएल क्षतिओ सुधारीने पंदरमी आवृत्तिरूपे फरी प्रकाशन करवामां
आवी रह्युं छे.
आ ग्रंथना सुंदर छापकाम माटे ट्रस्ट ‘कहान मुद्रणालय, सोनगढ’नुं घणुं ज आभारी
छे.
आ ग्रंथना पठन-पाठनथी मुमुक्षुजीव आत्मलक्षी तत्त्वज्ञान प्राप्त करी आत्मार्थने विशेष
पुष्ट करे ए ज भावना.
साहित्यप्रकाशनसमिति
श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट
सोनगढ-
श्रावण वद २
वि. सं. २०६२
(३)