Natak Samaysar (Gujarati).

< Previous Page   Next Page >


Page 433 of 444
PDF/HTML Page 460 of 471

 

background image
પદ્યોની વર્ણાનુક્રમણિકા ૪૩૩
પદ્ય
પૃષ્ઠ
પદ્ય
પૃષ્ઠ
जो हितभाव सु राग है
११४ तन चेतन विवहार एकसे
४८
जौलौं अष्ट कर्मकौ विनास नांही
१०४ तनता मनता वचनता
१७
जौलौं ज्ञानकौ उदोत तौलौं नहि
१५५ तब बानारसी मनमहिं आनी
४२०
ज्यौं कलधौत सुनारकी संगति
२२० ता कारन जगपंथ इत
२३५
ज्यौं घट कहिये घीवकौ
६० तातैं आतम धरमसौं
२८९
ज्यौं चिरकाल गड़ी वसुधामहि
४८ तातैं चिदभावनिविषै
२७७
ज्यौं जगमैं विचरै मतिमंद
११२ तातैं भावित करमकौं
२५४
ज्यौं ज्यौं पुग्गल बल करै
२७६ तातैं मेरै मतविषैं
२५६
ज्यौं तन कंचुक त्यागसौं
३२७ तातैं विषै कषायसौं
२०७
ज्यौं दीपक रजनी समै
२७७ तामैं कवितकला चतुराई
४१९
ज्यौं नट एक धरै बहु भेख
२२१ तियथल बास प्रेम रुचि निरखन
३८८
ज्यौं नर कोउ गिरै गिरिसौं तिहि
२९ तिहूं लोकमांहि तिहूं काल सब
१८२
ज्यौं पंथी ग्रीषम समै
१५
तीन काल अतीत अनागत
२३०
ज्यौं माटीमैं कलस होनकी
८३ तीनसै दसोत्तर सोरठा दोहा
४२१
ज्यौं वरषै वरषा समै
३३८ तो गरंथ अति सोभा पावै
३१२
ज्यौं हिय अंध विकल
२४९ त्याग जगो परवस्तु सब
१४९
जंह ध्रुवधर्म कर्मछय लच्छन
३८ त्यौं सुग्यान जानै सकल
२७८
झूठी करनी आचारै
२२८ थविरकलपि जिनकलपि
३९४
थविरकलपि धर कछुक सरागी
३९८
ठौर ठौर रकतके कुंड
१९९ थिति पूरन करि जो करम
१९
थिति सागर तेतीस
३८३
डूंघा प्रभु चूंघा चतुर
३४४
डूंघा सिद्ध कहै सब कोऊ
३४५ दया–दान–पूजादिक विषय
८२
दरब करम करता अलख
२६७
तजि विभाव हूजै मगन
३०१ दरब करम पुग्गल दसा
२८२
तत्त्वकी प्रतीतिसौं लख्यौ है
४१
दरबकी नय परजायनय दोऊ
८८