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भगवानश्रीकुंदकुंद-कहानजैनशास्त्रमाळा, पुष्प — ५८
ॐ
नमः परमात्मने ।
श्रीमद्भगवत्कुंदकुंदाचार्यदेवप्रणीत
श्री
नियमसार
मूळ गाथाओ, संस्कृत छाया, गुजराती पद्यानुवाद,
श्रीपद्मप्रभमलधारिदेवविरचित संस्कृत टीका
अने तेना अनुवाद सहित
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ः अनुवादकः
पंडितरत्न श्री हिंमतलाल जेठालाल शाह
बी. एस सी.
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ः प्रकाशकः
श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ (सौराष्ट्र)-