Niyamsar-Gujarati (Devanagari transliteration). Arpan.

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अर्पण
जेमणे आ पामर पर अपार उपकार कर्यो छे,
जेमनी प्रेरणा अने कृपाथी नियमसारनो आ अनुवाद
थयो छे, जेमने नियमसार पर पारावार भक्ति छे,
नियमसारनां प्रायः दटाइ रहेलां अमूल्य अध्यात्म-
निधानोने खुल्लां करी जेओ नियमसारनी अलौकिक
प्रभावना करी रह्या छे, नियमसारना हार्दरुप परम
पारिणामिक भावने अनुभवी जेओ निज कल्याण
साधी रह्या छे अने निरंतर तेनो धोधमार उपदेश आपी
भारतना भव्य जीवोने कल्याणपंथे दोरी रह्या छे, ते
परम पूज्य परमोपकारी कल्याणमूर्ति सद्गुरुदेव (श्री
कानजीस्वामी)ने आ अनुवाद-पुष्प अत्यंत भक्तिभावे
अर्पण करुं छुं.
अनुवादक