✾ अर्पण ✾
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जिन्होंने इस पामर पर उपकार किया है, जिनकी प्रेरणा और
कृपासे नियमसारका यह अनुवाद हुआ है, जिन्हें नियमसारके
प्रति पारावार भक्ति है, नियमसारमें गड़े हुए अमूल्य
अध्यात्मनिधानोंको प्रगट करके जो नियमसारकी
अलौकिक प्रभावना कर रहे हैं, नियमसारके
हार्दरू प परम पारिणामिक भावका अनुभव करके
जो निजकल्याण साध रहे हैं और निरन्तर
उसका धारावाही उपदेश देकर भारतके
भव्य जीवोंको कल्याणमार्ग पर ले
जा रहे हैं, उन परमपूज्य परमोपकारी
कल्याणमूर्ति सद्गुरु देव (श्री
कानजीस्वामी) को यह
अनुवाद-पुष्प अत्यन्त
भक्तिभावसे
अर्पण करता
हूँ ।
— अनुवादक
हिंमतलाल जेठालाल शाह