Parmatma Prakash (Gujarati Hindi) (Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 13 of 579

 

background image
पांच इन्द्रियोने जीतवी ............... ४४२ १३६
इन्द्रियसुखनुं अनित्यपणुं ............. ४४५ १३८
मनने जीती इन्द्रियोने जीतवी ...... ४४८ १४०
सम्यक्त्वनी दुर्लभता .................. ४५३ १४३
गृहवास अथवा ममत्वमां दोष .... ४५५ १४४
देहपरथी ममत्वनो त्याग ............ ४५६ १४५
देहनी मलिनतानुं कथन .............. ४६० १४८
आत्माधीन सुखमां प्रीति ............ ४६९ १५४
चित्त स्थिर करवाथी
आत्मस्वरूपनी प्राप्ति ......... ४७२ १५६
निर्विकल्प समाधिनुं कथन ............ ४७८ १६१
दानपूजादि श्रावकधर्म परंपरा
मोक्षनुं कारण छे ............... ४९१ १६८
चिंतारहित ध्यान मुक्तिनुं कारण ... ४९३ १६९
आ आत्मा ज परमात्मा छे ....... ४९९ १७४
देह अने आत्मानी भेदभावना .... ५०३ १७७
बधी चिंताओनो निषेध .............. ५१४ १८७
परमसमाधिनुं व्याख्यान .............. ५१७ १८९
अर्हंत पदनुं कथन..................... ५२६ १९५
परमात्मप्रकाश शब्दनो अर्थ ......... ५३० १९८
सिद्धस्वरूपनुं कथन..................... ५३४ २०१
परमात्मप्रकाशनुं फळ .................. ५३८ २०४
परमात्मप्रकाश माटे योग्य पुरुष... ५४२ २०७
परमात्मप्रकाश शास्त्रनुं फळ .......... ५४९ २१३
अंतिम मंगल .......................... ५५१ २१४
परमात्मप्रकाशना दोहानी
वर्णानुक्रम सूची ................. ५५६५६१
संस्कृत टीकामां उद्धृत पद्योनी
वर्णानुक्रम सूची ................. ५६२५६४
दाताओना नामनी यादी ............. ५६५
विषय
पृष्ठ दोहा
विषय
पृष्ठ दोहा
[११]