Parmatma Prakash (Gujarati Hindi) (itrans transliteration). Gatha-113 (Adhikar 2) Lobhakashayano Dosha.

< Previous Page   Next Page >


Page 408 of 565
PDF/HTML Page 422 of 579

background image
Shri Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust, Songadh - 364250
shrI diga.nbar jain svAdhyAyama.ndir TrasTa, sonagaDh - 364250
408 ]yogIndudevavirachit: [ adhikAr-2 : dohA-113
योऽसावेवंभूतः कारणसमयसारः तद्भावनारहिता जीवाः पञ्चेन्द्रियविषयाभिलाषवशीकृता
नश्यन्तीति ज्ञात्वा कथं तत्रासक्तिं गच्छन्ति ते विवेकिन इति
अत्र पतङ्गादय एकैकविषयासक्त ा
नष्टाः, ये तु पञ्चेन्द्रियविषयमोहितास्ते विशेषेण नश्यन्तीति भावार्थः ।।११२।।
अथ लोभकषायदोषं दर्शयति
२४३) जोइय लोहु परिच्चयहि लोहु ण भल्लउ होइ
लोहासत्तउ सयलु जगु दुक्खु सहंतउ जोइ ।।११३।।
योगिन् लोभं परित्यज लोभो न भद्रः भवति
लोभासक्तं सकलं जगद् दुःखं सहमानं पश्य ।।११३।।
samayasAr tenI bhAvanAthI rahit ane pA.nch indriyonA viShayonI abhilAShAne vash thayelA.n jIvo
nAsh pAme Che.
ahI.n, pata.ngAdi jIvo ek ek viShayamA.n Asakta thaIne nAsh pAme Che to paChI jeo
pA.nchey indriyonA viShayamA.n mohit Che teo to visheShapaNe nAsh pAme Che, evo bhAvArtha Che. 112.
have, lobh kaShAyano doSh batAve Che :
उत्पन्न करनेवाला जो शुद्धोपयोगरूप कारण समयसार, उसकी भावनासे रहित संसारीजीव
विषयोंके अनुरागी पाँच इन्द्रियोंके लोलुपी भव भवमें नाश पाते हैं
ऐसा जान कर इन विषयोंमें
विवेकी कैसे रागको प्राप्त होवें ? कभी विषयाभिलाषी नहीं होते पतंगादिक एक एक विषयमें
लीन हुए नष्ट हो जाते हैं, लेकिन जो पाँच इन्द्रियोंके विषयोंमें मोहित हैं, वे वीतराग
चिदानन्दस्वभाव परमात्मतत्त्व उसको न सेवते हुए, न जानते हुए, और न भावते हुए, अज्ञानी
जीव मिथ्या मार्गको वाँछते, कुमार्गकी रुचि रखते हुए नरकादि गतिमें घानीमें पिलना, करोंतसे
विदरना, और शूली पर चढ़ना इत्यादि अनेक दुःखोंको देहादिककी प्रीतिसे भोगते हैं
ये अज्ञानी
जीव वीतरागनिर्विकल्प परमसमाधिसे पराङ्मुख हैं, जिनके चित्त चंचल हैं, कभी निश्चल
चित्तकर निजरूपको नहीं ध्यावते हैं
और जो पुरुष स्नेहसे रहित हैं, वीतरागनिर्विकल्प समाधिमें
लीन हैं, वे ही लीलामात्रमें संसारको तैर जाते हैं ।।११२।।
आगे लोभकषायका दोष कहते हैं
गाथा११३
अन्वयार्थ :[योगिन् ] हे योगी, तू [लोभं ] लोभको [परित्यज ] छोड, [लोभो ]
1 pAThAntar:दर्शयति = प्रतिपादयति