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भगवानश्रीकुंदकुंद -कहानजैनशास्त्रमाळा, पुष्प -३३
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ॐ
नमः सर्वज्ञवीतरागाय।
श्रीमद्भगवत्कुंदकुंदाचार्यदेवप्रणीत
श्री
प्रवचनसार
मूळ गाथाओ, संस्कृत छाया, गुजराती पद्यानुवाद, श्री अमृतचंद्र-
आचार्यदेवविरचित ‘तत्त्वप्रदीपिका’ संस्कृत टीका,
श्री जयसेनाचार्यविरचित ‘तात्पर्यवृत्ति’ संस्कृत टीका
अने ‘तत्त्वप्रदीपिका’ टीकाना
गुजराती अनुवाद सहित
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अनुवादकः
पंडितरत्न श्री हिंमतलाल जेठालाल शाह
बी.एससी.
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प्रकाशकः
श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट
सोनगढ - ३६४ २५० (सौराष्ट्र)