Pravachansar-Gujarati (Devanagari transliteration). Arpan.

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अर्पण
जेमणे आ पामर पर अपार उपकार कर्यो छे,
जेमनी प्रेरणाथी प्रवचनसारनो आ अनुवाद थयो छे,
जेओ जिनप्रवचनना परम भक्त अने मर्मज्ञ छे,
जेओ जिनप्रवचनना हार्दने अनुभवी निज कल्याण
साधी रह्या छे अने भारतवर्षना भव्य जीवोेेेेेेेेने
कल्याणपंथे दोरी रह्या छे, जेओ जिनप्रवचनना साररुप
भेदविज्ञानना अने शुद्धात्मप्रवृत्तिना आ काळे आ क्षेत्रे
सर्वोत्कृष्ट प्रभावक छे, ते परमपूज्य परमोपकारी
सद्गुरुदेव(श्री कानजीस्वामी)ने आ अनुवाद -पुष्प
अत्यंत भक्तिभावे अर्पण करुं छुं.
अनुवादक