Ratnakarand Shravakachar-Gujarati (Devanagari transliteration). Ratnakarandak shrAvakAchAr.

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भगवानश्री कुंदकुंदकहानजैनशास्त्रमाळा, पुष्प-१३३
श्री वीतरागाय नमः
श्री समंतभद्रस्वामी विरचित
श्री
रत्नकरंडक श्रावकाचार
मूळ श्लोको अने श्री प्रभाचंद्र आचार्य विरचित संस्कृत टीकाना
गुजराती अनुवाद सहित
ः अनुवादकः
छोटालाल गुलाबचंद गांधी (सोनासण)
बी. ए. (ओनर्स), एस. टी. सी.
ः प्रकाशकः
श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट
सोनगढ (सौराष्ट्र)