भगवानश्रीकुंदकुंद-कहानजैनशास्त्रमाळा, पुष्प – १०६
ॐ
नमः समयसाराय।
श्रीमद् आचार्यवर अमृतचंद्रसूरि विरचित
श्री
समयसार-कलश
भगवत्कुंदकुंदाचार्यदेवप्रणीत समयसारनी श्री अमृतचंद्राचार्यदेवविरचित
‘आत्मख्याति’ टीकाना कलश-श्लोक तथा तेना पर ढूंढारी
भाषामां अध्यात्मरसिक पं. श्री राजमलजी ‘पांडे’ए
रचेली ‘खंडान्वय सहित अर्थ’रूप टीकाना
पं. फूलचंद्रजी सिद्धान्तशास्त्रीना आधुनिक
हिंदी अनुवादना गुजराती
भाषांतर सहित
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ः गुजराती भाषांतरः
ब्र. चंदुलाल खीमचंद झोबाळिया
सोनगढ
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ः प्रकाशकः
श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट
सोनगढ (सौराष्ट्र)