Shastra Swadhyay-Gujarati (Devanagari transliteration). Nivedan.

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श्री दिगंबर जैन स्वाध्यायमंदिर टस्ट, सोनगढ -
निवेदन
अध्यात्मनिधिना स्वामी परमकृपाळु परमपूज्य सद्गुरुदेव श्री
कानजीस्वामीनो ए महान उपकार छे के तेओश्रीना पावन प्रतापे आ युगमां
आबाळगोपाळ सर्व जिज्ञासुओमां अध्यात्मतत्त्वना श्रवणनी तेम ज अभ्यासनी
रुचि जाग्रत थई छे.
श्रुतावतार भगवत्कुंदकुंदाचार्यदेव प्रणीत श्रुतरत्नो श्री समयसार,
प्रवचनसार, पंचास्तिकायसंग्रह, नियमसार अने अष्टप्राभृतनुं अध्यात्मअमृत,
अनेक वार तेमनां उपर प्रवचनो आपीने, अध्यात्मश्रुतलब्धिवंत पूज्य गुरुदेवे
मुमुक्षु समाजने पायुं छे. तेमना ज पुनित प्रतापे ने कल्याणी प्रेरणाथी, मूळ
गाथाओना भावो समजवामां तेम ज याद राखवामां सरळ पडे ते माटे,
परमागमोनो गुजराती पद्यानुवाद आदरणीय पंडित श्री हिंमतलाल जेठालाल
शाह द्वारा थयो छे.
आ मधुर, सरळ, सुगम ने भाववाही हरिगीत-पद्यानुवादोनी तथा
तदुपरान्त समाधितंत्र, इष्टोपदेश ने योगसारना गुजराती दोहरा अने उपादान-
निमित्तना (हिंदी) दोहा तथा छ ढाळानी सोनगढमां दर महिने समुदायरूपे
अनुक्रमे स्वाध्याय करवानी प्रथा परमपूज्य गुरुदेवश्रीनी तेम ज प्रशममूर्ति पूज्य
बहेनश्री चंपाबेननी उपस्थितिरूप मंगल छायामां प्रवर्तती हती ते हजु पण
पूर्ववत् नियमित प्रवर्तमान छे.
उक्त प्रयोजन माटे संस्था द्वारा ते बधांनो संग्रह करीने ‘शास्त्र-स्वाध्याय’
ग्रंथ प्रकाशित थयो छे, जेनी पांच आवृत्तिओ पहेलां प्रसिद्ध थई चूकी छे; तेनी
आ छठ्ठी आवृत्ति प्रकाशित थाय छे.
आ ‘शास्त्र-स्वाध्याय’नो ऊंडो स्वाध्याय करीतेमां दर्शावेल अध्यात्म-
भावोनुं सम्यक् अवगाहन करीभव्य आत्माओ पोताना अंतरमां तेनुं
यथायोग्य परिणमन प्रगट करोए भावना.
निवेदक
साहित्यप्रकाशनसमिति,
श्री दि. जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ-
श्री सीमंधर जिनालय
हीरक-जयंती महोत्सव
ता. २०-२-२०१५