Tattvagyan Tarangini-Gujarati (Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


Page 21 of 153
PDF/HTML Page 29 of 161

 

background image
अध्याय-२ ][ २१
शुद्ध चिद्रूप चिंतन वMे पुनित ते,
सर्वने पूज्य करवो सदा ये. २५.
अर्थ :सात धातुमय, मळमूत्रादिना स्थानरूप शरीर पण
शुद्ध चैतन्यस्वरूप आत्मचिंतनथी बीजाओने ते पूज्य छे, एम निश्चय
करो. २५.