Tattvagyan Tarangini-Gujarati (Devanagari transliteration). Vishayanukramanika.

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विषयानुक्रमणिका
१.शुद्ध चिद्रूपनां लक्षण ---------------------------------------------१
२.शुद्ध चिद्रूपना ध्यानमां उत्साह प्रदान --------------------------१०
३.शुद्ध चिद्रूपनी प्राप्तिना उपाय ----------------------------------२२
४.शुद्ध चिद्रूपना मार्गनी सुगमता --------------------------------३२
५.शुद्ध चिद्रूपनी प्राप्ति कदी पूर्वे कोई वार थई नथी -------------४१
६.शुद्ध चिद्रूपनां स्मरणमां निश्चळतानो बोध ---------------------५०
७.शुद्ध चिद्रूपना स्मरणमां नयोना अवलंबननुं वर्णन ------------५८
८.शुद्ध चिद्रूपनी प्राप्ति माटे भेदज्ञाननी आवश्यकता ------------- ६६
९.शुद्ध चिद्रूपना ध्यानने माटे मोहत्यागनी आवश्यकता ----------७४
१०. शुद्ध चिद्रूपनां ध्यानार्थे अहंकार ममकारना त्यागनो उपदेश----८३
११. शुद्ध चिद्रूपना उपासकोनी विरलतानुं वर्णन --------------------८९
१२. शुद्ध चिद्रूपनी प्राप्तिनुं असाधारण कारण रत्नत्रय -------------९७
१३. शुद्ध चिद्रूपनी प्राप्ति माटे विशुद्धिनी उपयोगिता ------------- १०५
१४. अन्य कार्यो करवा छतां पण शुद्ध चिद्रूपना स्मरणनो उपदेश ११३
१५. शुद्ध चिद्रूपनी प्राप्ति माटे पर द्रव्योनां त्यागनो उपदेश------ १२२
१६. शुद्ध चिद्रूपनी प्राप्ति माटे निर्जन स्थाननी आवश्यकता ------ १३०
१७. शुद्ध चिद्रूपमां प्रेम वधे ते माटे वास्तविक सुखनुं प्रतिपादन--१३७
१८. शुद्ध चिद्रूपनी प्राप्तिनो क्रम ---------------------------------- १४५