Atmadharma magazine - Ank 025
(Year 3 - Vir Nirvana Samvat 2472, A.D. 1946)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 19 of 45

background image
: १८ : भगवान श्री महावीर निर्वाण महोत्सव अंक कारतक : २४७२
भगवान श्री कुंदकुंद प्रवचन मंडप
श्री सोनगढ जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्टे ता. ८–९–४५ मीनीट
२० मां नीचेनो ठराव कर्यो छे, ते सर्वे मुमुक्षुओनी जाण थवा
अर्थे आ नीचे प्रसिद्ध करवामां आवे छे.
‘भगवान श्री कुंदकुंद प्रवचन मंडप’ तथा ‘श्री कुंदकुंद मुमुक्षु निवास’ संबंधे
“भगवान श्री सद्गुरु देवश्रीना परम सत्य उपदेशनो लाभ लेवा जिज्ञासु जीवो,
मुमुक्षु भाईओ अने बहेनो देशदेशावरमांथी मोटी संख्यामां सोनगढ आवे छे, तेमने माटे
“श्री जैन स्वाध्याय मंदिर” नुं हालनुं मकान नानुं पडे छे अने फागण, वैशाख तथा पर्युषण –
पर्वनां दिवसोमां तो खास करीने महेमानो, यात्राळुओनी संख्या एटली बधी वधी जाय छे के
आ मकान छेक नानुं पडे छे, तेथी समास लायक एक नवुं मकान बंधावानी खरी जरूरियात
उभी थई छे, जेथी आ ट्रस्टनी प्रोपर्टी नं. ६ नी तळावीया खेतरनी जमीनमां आवुं समास
लायक मकान बंधावानुं ठरावामां आवे छे, अने तेनुं नाम “भगवान श्री कुंदकुंद प्रवचन
मंडप” एवुं राखवामां आवे छे. ते मंडपनो उपयोग व्याख्यान उपरांत ब्रह्मचर्याश्रम,
स्त्र जा .
तेमज प्रोपर्टी नं. ५ – समितिनी उत्तरेना प्लोटमां ताजेतरमां जे नवा ओरडा, रसोडा
सींगल रूम्स बांधी जेनुं नाम “श्री कुंदकुंद मुमुक्षु निवास” राखवामां आवेल छे तेमां जे
सगवड छे, ते घणी ज टुंकी पडती होवाथी तेमां पण वधारे मकान बंधावानी जरूर होवाथी
त्यां पण बीजा रूम्स विगेरे बंधावानुं ठरावामां आवे छे.
आ बन्ने बाबतोमां बधा मुमुक्षु भाईओनी सलाह लेतां बधाए ते प्रमाणे सगवड
करवानी जरूरियात स्वीकारी ते मुजब वहेली तके काम शरू करी देवानी मागणी करी छे.
गया वैशाखमां श्री ईन्दोरथी श्रीमान शेठजी सर हुकमीचंदजी साहेब, नाईट. सोनगढ
यात्रार्थे अने उपदेश – लाभार्थे सहकुटुंब पधारेला, ते वखते पोते आ ट्रस्टने बहु मोटा मनथी
उत्साहपूर्वक नीचे लख्या मुजब नामे रूपिया त्रीश हजारनी मोटी उदार रकम अर्पण करी
गया छे, अने ते रकम “भगवान श्री कुंदकुंद प्रवचन मंडप” ना कामां वापरवा पोते
फरमावी गयेल छे, माटे सदरहु रकम ते कामां वापरवानुं ठरावामां आवे छे.”
रूपिया नाम गाम रूपिया नाम गाम
१२५०१/– शेठजी साहेब श्री हुकमीचंदजी साहेब इंदोर १०००२/– शेठ नेमीदास खुशालचंद ५००१/– तथा तेमना
१२५०१/– लेडी कंचनबहेन, ते श्रीमन्त शेठश्री
धर्मपत्नी श्री कंचनबहेन ५००१/– पोरबंदर
हुकमीचंदजी साहेबना धर्मपत्नी ७५०१/– झवेरी कालीदास राघवजी राजकोट
५००१/– शेठाणीश्री प्यारकुंवर बहेन, ते शेठश्री ५००१/– लाखाणी दामोदरभाई चत्रभुजभाई तथा
हुकमीचंदजी साहेबना नानाभाई शेठ लाखाणी मुळजीभाई चत्रभुजभाई राजकोट
कल्याणचंदजीना धर्मपत्नी
३०००३/– २००१/– शेठ धनजीभाई गफलभाई वढवाण केम्प
५०१/– शेठश्री फत्तेहचंदजी इंदोर २००१/– ,, जेठालाल संघजीभाई बोटाद
३०५०४/– १००१/– वकील रामजीभाई माणेकचंद दोशी राजकोट
१००१/– शेठ नारणभाई करशनजी राणपुर
उपर प्रमाणे मकानो बांधवानुं नक्की थतां मुमुक्षु १००१/– ,, कुंवरजी जादवजी पालेज
भाईओ तथा बहेनोए उपरना कार्यो माटे जे १००१/– बेन दुधीबहेन., ते शेठ जेठालाल संघजीना धर्मपत्नी
रकमो अर्पण कर्यानुं जाहेर करवामां आव्युं तेनी १००१/– ,, समता बहेन, ते शेठ माणेकलाल संघजीना धर्मपत्नी
विगत आ साथे जणावेल छे. १००१/– पारेख लीलाधर डाह्याभाई, हस्ते जयाकुंवर बहेन.