धन्य भाग्य अमारा आज पधार्या सीमंधर भगवान,
विभु तुज शा करीए सन्मान सुरपुरी सुरतरु फळीया आज.
वीतराग प्रभु अम आंगण आव्या ए दिन, ए दिन आज,
हृदयमां हर्ष अपरंपार, दीठा तुम दिव्य लोयण आज.
हे नाथ अमारे आंगण आव्या, साक्षात् प्रभु वीतराग
भव्योना तारणहार भगवान, दीठा तुम ज्ञान लोयण आज.
ए दिव्य ध्वनिना दिव्य प्रकाशक, प्रभुजी पधार्या आज
हे देव सद्भाग्य खील्या अम आज, विभु तुज शा करीए सन्मान
प्रभु देव तणा तमे देव पधार्या, धन्य भूमि थई आज
प्रभु अम धन्य भूमि थई आज, दीठा तुज उपशम लोयण आज
सुवर्णपुरीमां प्रभुजी पधार्या, वर्ते जय जयकार
प्रभु तुज वर्ते जय जयकार, भव्यना भाग्य खील्या छे आज.
नेम पद्म ने शांति जिणंदजी सीमंधर प्रभु भगवान
पधार्या सुवर्णपुरी सद्भाग्य, जय जयकार जगतमां आज.